वो कहा जाता है ना किसी चीज़ को पाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद सभी का प्रयोग कर लेना चाहिए चारों में से कोई तो तीर चल ही जाता है, कुछ ऐसा ही अभी हो रहा है, पश्चिम बंगाल की राजनीति में पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री हर रण जीतते हुए आए, पूरे देश के लगभग हर प्रदेश पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है, जिसको कोई भी अभी तक तोड़ नहीं पाया है, पर इतनी सफलता के बाद भी बीजेपी को हमेशा से एक बात का ही मलाल रहा की उन्होने कभी भी ममता बनर्जी के किले पश्चिम बंगाल को भेद नहीं पाए, पर कुछ दिनों से शायद बीजेपी के पास एक मौके की उम्मीद जगी है, क्योंकी कुछ महीनों से पश्चिम बंगाल में इतनी घटनाएं हुई हैं जिससे ममता बनर्जी के कुर्सी के पाये कमजोर नज़र आ रहे हैं।
9 अगस्त की घटना –
गत महीने 9 अगस्त को R G kar अस्पताल में एक बेटी के साथ जो कुछ भी हुआ, वो अभी भी पूरे देश के जहन में बसा हुआ है, जितनी बर्बरता उस बेटी पर की गई शायद ही कोई उस बर्बरता को भूल पाएगा, लोगो की ज़िंदगी बचाने वाली जूनियर डॉक्टर अफ़सोस उस रात उन हैवानों से खुद की ज़िंदगी को नहीं बचा पाई । कहने को इस घटना को बीते एक महीना हो गया है पर अभी भी इस घटना को लेकर पूरे देश में जो रोष है वो खत्म नहीं हुआ है। आज भी देश की हर लड़की, हर महिला के अंदर उतना ही रोष है जितना एक महीने पहले था।
एक महीने से पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर –
पिछले एक महीने से पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं उनकी कई मांगे है जिसको लेकर वो विरोध कर रहे हैं, जिसके बाद से राजनीति का बाज़ार काफी गर्म हो चुका है, मौजूदा सरकार ममता बनर्जी को घेरने का कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है, मौजूदा सरकार के ही एक नेता ने कहा था की ममता बनर्जी से अब बंगाल चल नहीं पा रहा है, उनकी खुद की जनता उनसे खुश नहीं हैं।
ममता का बड़ा दांव –
एक महीने से जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल ने ममता बनर्जी की कुर्सी को हिला कर रख दिया है, हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर किसी की भी सुनने को तैयार नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट ने भी हड़ताल को खत्म करने का आदेश दिया था, पर जूनियर्स डाक्टर टस से मस ना हुए, जिसके बाद ममता बनर्जी को अपनी कुर्सी खतरे में नज़र आने लगी, जिसके बाद उन्होने जूनियर्स डाक्टर को मिलने के लिए लगभग दो बार बुलाया पर दोनों बार ममता बनर्जी के हाथ खाली रहें। जिसके बाद ममता ने बड़ा दांव खेला।
मुझे कुर्सी से कोई प्यार नहीं –
आनन फानन में ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की “मुझे कुर्सी से कोई प्यार नहीं, मैं इस्तीफा देने को तैयार हुं”, ममता बनर्जी बीच प्रेस कांफ्रेंस में हाथ जोड़ते हुए अपने प्रदेश वासियों से माफी भी मांगती हैं, कहा जाए तो ये प्रेस कांफ्रेंस कम और फिल्मी सीन ज्यादा लग रहा था
मृतकों के परिवार को 2 – 2 लाख का मुआवजा –
जब साम, दंड, भेद से भी ममता बनर्जी को कोई फायदा नहीं हुआ तो शायद ममता बनर्जी ने दाम का प्रयोग करना सही समझा, इस्तीफे की घोषणा के बाद भी जूनियर डॉक्टर्स टस से मस नहीं हुए जूनियर डॉक्टर्स ने कहा की “हम लोग को ममता बनर्जी का इस्तीफा नहीं चाहिए, हम लोग की मांग है की ममता बनर्जी हमसे बंद कमरे में नहीं, पूरे देश के सामने हमसे बात करें हमारी मुलाकात का लाइव टेलीकास्ट हो, जिसके बाद ही ममता बनर्जी ने नया दांव फेका, हाल ही में ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट किया की जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के वजह से पिछले एक महीने में तकरीबन 28 मरीजों की जान चली गई है, सभी मृतकों को राज्य सरकार दो दो लाख रुपए मुआवजा के तौर पर देगी।
बंगाल की राजनीति में अब ये देखना काफ़ी दिलचस्प हो गया है की ममता बनर्जी के दो लाख का दाव सही जगह पड़ता है या नहीं।
बनारस से अभय के द्वारा
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