True to Life White logo
True to Life Logo
HomeNewsबटेंगे तो कटेंगे के नारे के बाद महाराष्ट्र BJP में दरार, अजीत...

बटेंगे तो कटेंगे के नारे के बाद महाराष्ट्र BJP में दरार, अजीत पवार समेत कई बड़े नेताओं का विरोध

देश कि राजनीति में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी की छवि को देखें तो यह साफ तौर पर दिखाई देता है कि पार्टी की विचारधारा और नेता संघ की संगत के अभी भी पक्ष में है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक हैं तो सेफ हैं” का नारा दिया है वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक नारा दिया है और वह है की “बटेंगे तो कटेंगे” अब इस नारे ने उत्तर भारत में काफी माहौल बना लिया है और इसे पसंद भी किया जा रहा है, वहीं इसका विपरीत माहौल महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है । और इसके विरोध में ना केवल विपक्ष बल्कि सत्तापक्ष यानी भाजपा के नेता भी आ खड़े हुए हैं, ऐसा इसलिए भी हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा की सरकार कहीं ना कहीं मिक्स वे में चल रही है जिसमें अजीत पवार गुट भी है और कांग्रेस से हालीं में भाजपा में आए हुए नेता अशोक चौहान भी है। अब ऐसे में देखें तो कहीं ना कहीं उनकी विचारधारा भी ज्यादा पीछे नहीं छूटी है जिसके चलते वह इसको अन्यथा ले रहें है। वहीं अगर महाराष्ट्र की राजनीति को भी देखें तो उसमें वह उत्तर भारत के कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों से  काफी अलग है, और कुछ वक्त में महाराष्ट्र में चुनाव भी होने हैं तो इन नेताओं को डर है की कहीं इस बयान का पॉजिटिव की जगह नेगेटिव ना देखने को मिल जाए।

See also  Mysterious Deaths Grip Jammu’s Budhal, Villagers Live in Fear

बटेंगे तो कटेंगे” नारे के पीछे क्या है असली बवाल-

दरअसल कुछ समय पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देकर इस राजनीति में एक अहम पड़ाव पार कर लिया है. इस नारे का संदेश साफ है, हिंदू एकता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण. यह पार्टी के कट्टर हिंदुत्व के एजेंडे को भी मजबूती देता है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के बाद यह नारा पहली बार सामने आया और धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश से निकलकर देशभर में छा गया. लेकिन महाराष्ट्र में इसका विपरीत हुआ और महायुति गठबंधन के साथी और वरिष्ठ नेता अजित पवार ने इस नारे का विरोध किया है। उन्होंने इसे महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं से असंगत बताया। उनके अनुसार, ऐसा नारा राज्य की एकजुटता के लिए सही नहीं है। वहीं अगर पंकज मुंडे की सुने तो उन्होंने ने भी इस नारे पर असहमति जताई। उन्होंने कहा, “यह नारा मेरी राजनीति से मेल नहीं खाता। हमें विभाजनकारी नारों के बजाय विकास और जनहित के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।” वहीं दूसरी तरफ दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र के स्थानीय नेताओं ने भी इस नारे को अपनाना शुरू कर दिया है। इसे राजनीतिक प्रचार और जनभावनाओं को जोड़ने का माध्यम माना जा रहा है।

See also  Afghanistan pulled off a historic win to knock England out of the Champions Trophy

क्या कहते हैं विश्लेषक?

इस नारे को लेकर विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति को गर्मा दिया है। कुछ इसे समाज को बांटने वाला मानते हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक एकता का प्रतीक। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नारे का असर आगामी राजनीतिक समीकरणों पर क्या पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ जब True To Life ने उत्तर प्रदेश में स्थित नोएडा के लोगों से बात की तो उन्होंने इस नारे की सराहना की और भाजपा विचारधारा के समर्थक संजय सिंह चौहान ने कहा कि ” आज के समय में योगी जी का यह नारा काफी हद तक सही बैठता है और परिस्थितियों को देखते हुए हमें एक होने की जरूरत भी है, इस नारे का जो लोग भी विरोध कर रहें है वह बिलकुल भी उचित नहीं है।” अब यह तो थी संजय सिंह की राय लेकिन देखना होगा की सत्ता के गलियारों में यह नारा कितनी तेजी से आग पकड़ता है। 

See also  Haryana Steelers Clinch Pro Kabaddi League Season 11 Title in Thrilling Finale

By- Sajal Raghuwanshi

Reporting For True To Life

True to Life
True to Lifehttps://truetolifenews.com/
Dive into the pulse of reality! True to Life delivers the freshest news, updates, and today's breaking stories. Stay in the know! Uncover truth now.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments