आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना भी वक्त नहीं की उसके आस पास क्या हो रहा है, वह जानने की कोशिश भी करे, ऐसे हालात खासतौर से बड़े शहरों में ज्यादा देखने को मिलते है। बड़े शहरों में लोगो के पास इतना भी वक्त नहीं होता की वो पता लगा पाए की आखिर उनके समाने वाले घर में कौन रह रहा है, सब अपनी-अपनी जिंदगी में मशगूल रहते हैं किसी को अपने ऑफिस की चिंता होती है तो किसी को अपने काम से नफरत पर इन सब चिंताओं में लोग अपने परिवार की तरफ ध्यान ही नही दे पाते हैं की आखिर उनका परिवार सुरक्षित जगह रह भी रहा है की नहीं। जिस परिवार के लिए लोग इतनी मेहनत करते हैं,पैसा कमाते हैं की उनका परिवार सुख समृद्धि से सुरक्षित रहे पर कहीं ना कहीं काम की जद में फंसकर लोग अपने ही परिवार पर ध्यान देना भूल जाते हैं । वैसे तो सरकार ने देश के हर शहर में रिहायशी और व्यापारिक जगहों का बंटवारा किया है पर फिर भी प्राचीन शहर माने जाने वाले काशी के सबसे घने रिहायशी कॉलोनी में शहर के प्रतिष्ठित मिठाई के दुकान की रसोई घर अवैध रुप से धड्डले से चल रही है, जिधर ना तो सरकार का ध्यान जा रहा है ना वाराणसी प्रशासन का अब आपको पता चले की आपका परिवार ऐसी जगह रह रहा है, जहां हर तरीके के सामानों का उपयोग करके मिठाई बनाई जा रही है, जहां दर्जनों गैस सिलेंडर ऐसे ही असुरक्षित तरीकों से रखे गए हैं तो आपको कैसा लगेगा की जिस जगह के आप हजारों रुपए किराए के रुप में दे रहे हैं की ताकी आपका परिवार सुकून से रह सके पर वहां आपका परिवार ही सुरक्षित ना हो शायद ही कोई होगा जिसको इन बातों पर गुस्सा ना आए। ये पूरा मामला है वाराणसी के नदेसर क्षेत्र स्थित मिंट हाउस कॉलोनी का, जहां श्री राम मिष्ठान भंडार का रसोई घर धड्डले से चल रहा है कानूनी तौर पर देखा जाए तो ये अवैध है पर फिर भी सालों से ये रसोई घर चल रहा है और सालों से यहां स्वादिष्ट मिठाइयां बनाई जा रही है, इस बात को ताक पर रखकर की आस पास रहने वाले छोटे बच्चों, महिलाओं को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा होगा । शायद दुकान के मालिक को बस अपने व्यापार और धन लाभ से मतलब हो पर इतने परिवारों की जान जोखिम में डाल कर व्यापार कहां तक सही माना जाए?
स्थानीय निवासियों का हल्ला बोल –
कई सालों तक चुप रहने के बाद आखिरकार कॉलोनी में रहने वाले लोगों का गुस्सा फूट ही पड़ा और सभी ने मीडिया सहित रसोई घर पर हल्ला बोल ही दिया । इतने लोगों को देख वहां काम करने वाले कारीगर सहम गए और भाग खड़े हुए। मौके पर 12 से ज्यादा कमर्शियल गैस सिलेंडर मिले, कई प्रकार के मिठाई बनाने की सामग्री मिले और जो कुछ कारीगर वहां से भागने में असफल रहे, उनकी बहस कॉलोनी की महिलाओं से हुई, ये तो वही बात हुई चोरी भी और सीनाजोरी भी ।
हमारी जान खतरे में हैं –
True to life से बात करते हुए कॉलोनी में रहने वाली रेशमा बानो बताती हैं की “ मैं ग्राउंड फ्लोर पर रहती हुं और मेरे फ्लैट के ठीक पीछे ये रसोई घर चल रहा है, इनके कारखाने से पूरा सीवर जाम रहता है जिससे गंदगी फैल जाती है, मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं बीमारी का खतरा बना रहता है, ऊपर से ये सभी गैस सिलेंडर रखते हैं,कभी भी बड़ी घटना हो सकती है अगर एक भी गैस सिलेंडर फट गया तो पूरी कॉलोनी खत्म हो जाएगी, हम सब जब भी विरोध करते हैं तो राम मिष्ठान भंडार के मालिक कहते हैं की एक महीने में जगह खाली कर देंगे पर ये सब कभी खाली नहीं करते अगर ऐसा ही रहा तो हम सब जिलाधिकारी तक जायेंगे”।इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये है की आखिर रिह्याशी इलाके में व्यापारिक गतिविधि की मंजूरी दी किसने ? सवाल बड़ा है पर इसका जवाब शायद धन लाभ की आंधी में कहीं सूखी मिट्टी जैसी धूमिल हो गई।
बनारस से अभय के द्वारा
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