कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर संविधान सभा के सदस्य डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में उनकी संसद में की गई टिप्पणी को लेकर आलोचना की और उनसे माफी की मांग की। शाह ने यह बयान राज्यसभा में 75 वर्षों के संविधान पर चल रही दो दिवसीय चर्चा के समापन पर दिया था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के लिए अंबेडकर का नाम लेना अब एक ‘फैशन’ बन गया है। शाह ने कहा, “अभी एक फैशन हो गया है – अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”गृह मंत्री ने यह टिप्पणी करते हुए विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि जबकि भाजपा को खुशी है कि कांग्रेस अंबेडकर का नाम ले रही है, लेकिन पार्टी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उसके दिल में उनके प्रति क्या वास्तविक भावना है।कांग्रेस नेताओं की कड़ी प्रतिक्रियाकांग्रेस के नेता शाह के इस बयान से नाराज हैं और उन्होंने इसे अंबेडकर के प्रति अनादर और अपमान माना है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। गांधी ने लिखा, “जो लोग मनुस्मृति पर विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से अंबेडकर से असहमत होंगे।” उनके इस बयान से साफ है कि गांधी ने शाह के बयान को एक झूठा और अनुचित हमला माना है, जो अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान का अपमान करता है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शाह के बयान की आलोचना की और उन्हें असंविधानिक और अंबेडकर के विचारों का अपमान करने वाला बताया। खड़गे ने कहा कि अंबेडकर ने भारतीय समाज में समानता और न्याय की जो नींव रखी, उस पर बयानबाजी करना न केवल उनके अपमान के बराबर है, बल्कि यह भारतीय संविधान की मूल भावना का भी अपमान है।अंबेडकर की भूमिका और कांग्रेस का रुखडॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता के पक्षधर थे। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और देश की सामाजिक और राजनीतिक संरचना को एक नया दिशा देने का काम किया। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अंबेडकर को सम्मानित किया है और उनके योगदान को सस्वीकृत किया है। पार्टी का कहना है कि अंबेडकर का नाम लेना केवल एक फैशन नहीं, बल्कि भारतीय समाज की समता और भाईचारे की आवश्यकता को स्वीकार करना है।कांग्रेस के मुताबिक, अंबेडकर के विचारों को न केवल कांग्रेस बल्कि समस्त भारत को स्वीकार करना चाहिए, ताकि समाज में जातिवाद और भेदभाव जैसी कुरीतियों को समाप्त किया जा सके।भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिअमित शाह का बयान कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ती राजनीतिक खींचतान का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा ने हमेशा अपनी सरकार के कामकाज को भारतीय संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर कई बार संविधान के मूल विचारों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। शाह के बयान ने इस राजनीतिक द्वंद्व को और तीव्र कर दिया है।अमित शाह का यह बयान उस समय आया है जब भाजपा अंबेडकर की जयंती और उनकी विचारधारा को अपने राजनीतिक मंच पर प्रमुखता से प्रस्तुत करती रही है। शाह का कहना था कि अंबेडकर का नाम लेने का कोई गलत मकसद नहीं है, लेकिन कांग्रेस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि वह उनके प्रति क्या सच्ची श्रद्धा रखती है|
By- Sajal Raghuwanshi,
Reporting For True To Life