कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही हालिया गहमागहमी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने शनिवार को अपने कैबिनेट सहयोगी और कर्नाटक सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बीजेड ज़मीर अहमद खान की विवादास्पद टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की।
शिवकुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ज़मीर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है, लेकिन उनकी टिप्पणियों को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ज़मीर अहमद खान का बयान गलत था। पार्टी ने इस मुद्दे पर उनसे आंतरिक रूप से बातचीत की है, और उन्होंने माफी भी मांगी है। लेकिन ऐसे बयानों की कोई गुंजाइश नहीं है।”
क्या है असल विवाद ?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ज़मीर अहमद खान ने चन्नपट्टण उपचुनाव के प्रचार के दौरान जद-एस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के खिलाफ कई व्यक्तिगत और विवादास्पद बयान दिए। ज़मीर ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के पास कुमारस्वामी के परिवार को खरीदने की ताकत है। इसके अलावा, उन्होंने कुमारस्वामी के रंग-रूप पर भी टिप्पणियां कीं और उन्हें “काला” और “कालिया” कहकर संबोधित किया। ज़मीर का कहना था कि ये टिप्पणियां उन्होंने स्नेहवश की थीं, लेकिन बयान के बाद से पार्टी के भीतर और बाहर उनकी आलोचना तेज हो गई है।
शिवकुमार का रुख-
डीके शिवकुमार ने साफ तौर पर ज़मीर के बयानों की निंदा करते हुए कहा, “काला और गोरा, इन मुद्दों को उठाना गलत है। किसी के रंग-रूप को लेकर इस तरह की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए। यहां तक कि धन के बारे में भी इस तरह की बातें स्वीकार्य नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भले ही ज़मीर ने इसे स्नेह के तहत कहा हो, लेकिन इस तरह के बयान किसी भी राजनीतिक और सामाजिक मंच पर उचित नहीं हैं। शिवकुमार का यह बयान कांग्रेस के भीतर बढ़ती नाराजगी को शांत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस में बढ़ती नाराजगी-
ज़मीर अहमद खान के विवादास्पद बयानों ने कांग्रेस के भीतर असंतोष को जन्म दिया है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इन बयानों को पार्टी की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला बताया है। शुक्रवार को कर्नाटक कांग्रेस के उपाध्यक्ष एआरएम हुसैन ने डीके शिवकुमार से इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। हुसैन ने कहा कि ज़मीर के बयानों से न केवल पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी, बल्कि यह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि के खिलाफ भी है।
ज़मीर अहमद खान की सफाई और माफी-
ज़मीर ने विवाद बढ़ने के बाद अपने बयानों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुमारस्वामी को स्नेहवश “काला” और “कालिया” कहा था और उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था। हालांकि, इस माफी से पार्टी के भीतर असंतोष कम नहीं हुआ। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन बताया है।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
शिवकुमार ने संकेत दिया है कि पार्टी इस मामले को गंभीरता से देख रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ज़मीर अहमद खान के बयान को पार्टी की विचारधारा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह एक व्यक्तिगत गलती है, और हम इसे आंतरिक रूप से संभालेंगे।”
कर्नाटक कांग्रेस में यह विवाद ऐसे समय पर हुआ है जब पार्टी आगामी चुनावों की तैयारियों में जुटी है। ऐसे में, पार्टी के भीतर इस तरह के विवादों का उभरना न केवल कांग्रेस के लिए एक चुनौती है, बल्कि इससे विपक्ष को भी हमला करने का मौका मिल सकता है।
Sajal Raghuwanshi
Reporting For True To Life