12 अगस्त 2023 को अचानक रातों रात गांधी विरासत पर हमला होता है, काशी में स्थित काफी पुराना सर्व सेवा संघ की इमारत को यह कहकर गिरा दिया जाता है की ये जमीन गैर कानूनी तरीके से कब्जा किया गया है ये रेलवे की जमीन है और एक दिन में ही उस पूरी इमारत को खाली कर दिया जाता है और वहां जीतने भी गांधी विचारधारा से जुड़े लोग रह रहे थे उनको वहां से निकाल दिया जाता है, जब वहां के लोग विनोबा भावे जैसे महान शख्शियत का हवाला देते हैं तो स्थानीय प्रशासन की तरफ से ये दलील दी जाती है कि हो सकता है विनोबा भावे ने गैर कानूनी तरीके से जमीन पर कब्जा कर लिया हो जिसके बाद से काशी के राजघाट इलाके में गांधी विरासत को बचाने की कवायद शुरू हो जाती है और इस जमाने में 100 दिन का सत्याग्रह शुरू हो जाता है
उपवास पर बैठे क्रांति विचार की धरती उन्नाव से आए *जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के कार्यकर्ता और जनकवि दिनेश प्रियमन ने कहा कि सर्व सेवा संघ परिसर को जमींदोज करने की सरकार की कार्रवाई की जितनी निंदा की जाए कम है। यह किसी इमारत को ध्वस्त करना भर नहीं है बल्कि देश की गांधी विचार और समाज परिवर्तन की चाहत रखने वाली सामाजिक शक्तियों की इच्छाओं -आकांक्षाओं को नष्ट करना है। मुनाफाखोर कॉरपोरेट की सस्ती और शोषण से अर्जित पूंजी से बढ़ते बाजार के जरिए विचार को नेस्तानाबूद करने की कार्रवाई है*। सहमना साथियों-संगठनों की इसके पुनर्निर्माण की मांग और इसके अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए *अन्याय के खिलाफ दीप जलायें के 100 दिनी सत्याग्रह* का हार्दिक समर्थन करता हूं।
केरल सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष पवित्रन* ने कहा कि सर्व सेवा संघ परिसर पर दक्षिणपंथी विचारधारा का हमला हुआ है और इस हमले में वाराणसी के अधिकारी भी शामिल हुए हैं जो काफी दुखद है। इन *अधिकारियों को जनता अपने पैसे से भरण- पोषण करती है ताकि वो जनता की सुविधाओं का ख्याल रख सके, समाज में कानून का पालन हो। परंतु इन्होंने गैर कानूनी काम किया है जो सरासर गलत है
*गांधी विरासत को बचाने के* लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का *आज 85 वां दिन* है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए *लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान* को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर *”न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह* जारी है जो *19 दिसंबर 2024* को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज *सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ* के साथ अपने 85 वें पायदान पर पहुँच गया है।
आज के उपवासकर्ताओं में *केरल के कन्नूर जिले के निवासी पवित्रन कोतेवी तथा आर्टिस्ट शशिकला* शामिल हैं। 65 वर्षीय *पवित्रन* 30 वर्ष पहले गांधीवादी ए रघु मास्टर एवं टी पी नाथ के माध्यम से सर्वोदय और गांधी विचार से जुड़े। यह जुड़ना इतना पक्का था कि फिर छूटा ही नहीं। शुरू में कन्नूर जिला सर्वोदय मंडल के सचिव के रूप में दायित्व संभाला तो आज केरल सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष है। *आर्टिस्ट शशिकला* के नाम से प्रसिद्ध कन्नूर जिला सर्वोदय मित्र मंडल के संयोजक हैं। कला के क्षेत्र में उपलब्धियां के लिए इन्हें केरल स्तरीय गोल्ड मेडल मिला है। गांधी विचार से प्रेरित संवेदनशील कलाकार परिसर को गिराए जाने की घटना से आहत हैं और अपना क्षोभऔर संकल्प को व्यक्त करने के लिए सत्याग्रह में शामिल हुए हैं।
आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता *पवित्रन के,आर्टिस्ट शशिकला औ दिनेश प्रियमन* के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर,लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, गांधीवादी एक्टिविस्ट जागृति राही, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद अंजुम, सुरेंद्र नारायण सिंह, समाज सेविका सिस्टर फ्लोरीन, तारकेश्वर सिंह, केरल सर्वोदय मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष टीकेएस अजीज,सुरेश बाबू कठपुतली विशेषज्ञ मिथिलेश दुबे, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनुप श्रमिक,एक कदम गांधी की ओर अभियान के सत्यप्रकाश भारत,जोखन सिंह यादव आदि शामिल रहे।