वित्त वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में देश भर में ऐसे 11.70 लाख से अधिक बच्चों की पहचान की गई है जो स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. सदन में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए चौधरी ने यह भी कहा कि ऐसे बच्चों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है.चौधरी ने कहा, ‘‘शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ‘प्रबंध’ पोर्टल संचालित करता है, जिस पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्कूलों में पंजीकरण नहीं कराने वाले बच्चों से संबंधित डेटा प्रदान करते हैं और उसे अपडेट करते हैं.’’ मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 11,70,404 बच्चों की पहचान ‘स्कूल से बाहर’ के बच्चों के रूप में की गई है.दिन भर संसद में क्या हुआ – कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के अदाणी समूह से जुड़े मामले तथा कुछ अन्य मामले उठाने का प्रयास किए जाने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जुड़े आरोपों को लेकर सोमवार को लोकसभा में हंगामा हुआ जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.कांग्रेस अदाणी समूह के मामले पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रही है तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के कुछ नेताओं के आरोपों से जुड़े मुद्दे उठाने का प्रयास कर रही है. वहीं, भाजपा ने कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए आरोप लगाया है कि पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस की संस्था द्वारा वित्तपोषित एक ऐसे संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है.पिछले कुछ दिन से लोकसभा में निरंतर गतिरोध बना हुआ है. सोमवार को सदन की बैठक पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई. इसके बाद कार्यवाही अपराह्न दो बजे और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे फिर से शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाने के प्रयास किए, हालांकि आसन ने इसकी अनुमति नहीं दी. विपक्षी सदस्यों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की.पीठासीन सभापति संध्या राय ने विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया ताकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पिछले सप्ताह सदन में पेश रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 पर हुई चर्चा का जवाब दे सकें. राय ने कहा, ‘‘सदस्यों से आग्रह है कि सदन की कार्यवाही चलने दें, रेल मंत्री जवाब देंगे. आपके विषयों को सुना जा रहा है, चर्चा भी हुई है. अगर सबकी सहमति हो तो रेल मंत्री का जवाब शुरू किया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश सदन की कार्यवाही को देख रहा है और आपकी सहमति हो तो रेल मंत्री का जवाब हो.’’इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्य यह आरोप लगाते हुए सुने गए कि सदन को एकतरफा ढंग से और सरकार की मर्जी के मुताबिक चलाया जा रहा है. गतिरोध जारी रहने पर सभापति संध्या राय ने सभा की बैठक अपराह्न तीन बजकर एक मिनट पर मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे. पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामे के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा का जवाब देने के लिए पुकारा.वैष्णव ने जवाब देना शुरू किया लेकिन शोर-शराबा जारी रहा. पीठासीन सभापति ने कार्यवाही एक मिनट के अंदर ही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी. रेल मंत्री वैष्णव ने गत सप्ताह चार दिसंबर को 1989 के रेलवे अधिनियम के साथ 1905 के भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम को एकीकृत करने के प्रावधान वाला ‘रेल (संशोधन) विधेयक, 2024’ लोकसभा में पेश किया था. उसी दिन इस विधेयक पर सदन में चर्चा हुई थी.इससे पहले, आज 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस और कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने भाजपा के आरोपों से जुड़े विषय तथा कुछ अन्य मामलों को उठाने का प्रयास किया, हालांकि आसन से इसकी अनुमति नहीं मिली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की. बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है. मेरा आपसे आग्रह है कि प्रश्नकाल चलने दें. प्रश्नकाल में किसी विषय को नहीं उठाया जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश चाहता है कि सदन चले. आप सदन में गतिरोध पैदा करना चाहते हैं.’’कांग्रेस सदस्यों का विरोध जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही, शुरू होने के एक मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे. पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामे के बीच ही आवश्यक कागजात पटल पर रखवाए और फिर शून्यकाल के लिए समाजवादी पार्टी के सदस्य देवेंद्र शाक्य का नाम पुकारा. हंगामा जारी रहने पर उन्होंने करीब 12 बजकर पांच मिनट पर सदन की बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.कांग्रेस और उसके सहयोगी दल गत 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र आरंभ होने के बाद से अदाणी मामले को लेकर सदन में नारेबाजी कर रहे हैं. वे इस मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों को भी सदन में उठाने का प्रयास किया है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गत बृहस्पतिवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी.उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संबंध जॉर्ज सोरोस से होने का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दुबे और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि जब अदाणी समूह के ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मुद्दा उठाया जाता है तो ‘‘अदाणी के एजेंट’’ और ‘‘स्लीपर सेल’’ सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तथा विपक्ष के बारे में अपमानजनक बातें करते हैं. कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि दुबे अपने शब्द वापस लें और माफी मांगें.भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे खोजी मीडिया समेत अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ संबंध रखते हैं और वह ‘देशद्रोही’ हैं. कांग्रेस सांसद हिबी ईडेन ने पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
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