जहां एक तरफ मौजूदा सरकार हमेशा से भ्रष्टाचार से पल्ला झाड़ते हुए नज़र आई है तो वहीं दूसरी तरफ पेपर लीक के सैकड़ों मामले मौजूदा सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त वादे को खोखला साबित कर देता है, 2014 के बाद से विपक्षी भी हमेशा से मौजूदा सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाते आया है पर हर बार सरकार खुद को क्लीन चिट दे देती है। बात की जाए 2014 से 2024 तक की तो इस दस साल में बड़े बड़े पेपर लीक के मामले देश में उजागर हुए फिर चाहे वह तेलंगाना में सहायक अभियंता भर्ती परीक्षा हो या फिर 2022 उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती परीक्षा हो हमेशा पेपर लीक के मामले सामने आए हैं और सरकार कमेटी बैठाकर सब कुछ सुलझाने का दावा की है । पेपर लीक के लिए अलग से कानून भी बनाया गया है पर फिर भी सरकार पेपर लीक मामलों को रोकने में असफल नजर आ रही है। 2024 का यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा शायद ही कोई भूला होगा हज़ारों युवाओं की सालों की मेहनत उस वक्त बर्बाद हो गई जब परीक्षा होने के महज़ कुछ घंटों में ही पेपर लीक हो गए जिसके बाद से विपक्षी ने चारों तरफ से मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लिया पर सूबे के मुखिया चुप्पी साधे रहे, जब युवाओं ने अपना रोष दिखाया तब सूबे के मुखिया ने पेपर कैंसल करवाके 6 महीने बाद फिर परीक्षा की घोषणा की और होम सेंटर को खत्म कर दिया। इतना सब करने के बाद भी कहीं ना कहीं मौजूदा सरकार पेपर लीक मामलों को खत्म करने में असफल रह जा रही है, इसी क्रम में पीडीडीयू रेल मंडल में रेलवे लोको पायलट के प्रमोशन की परीक्षा में भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ है। लखनऊ से आई सीबीआई की टीम ने पीडीडीयू नगर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 26 रेलवे अफसरों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही सीबीआई ने मौके से 1.17 करोड रुपए नगद भी बरामद किए हैं।यही नहीं, इस परीक्षा का प्रश्न पत्र तैयार करने वाले सुशांत पाराशर को भी सीबीआई टीम ने पेपर सॉल्व कराते समय रंगे हाथ हिरासत में लिया है। सुशांत पाराशर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पूर्व मध्य रेलवे पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में सीनियर डिवीजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ऑपरेशन के पद पर तैनात हैं। सुशांत पाराशर को ही प्रश्न पत्र तैयार करने के साथ ही परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।यह है पूरा मामलादरअसल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल डिवीजन में कार्यरत लोको पायलट की विभागीय पदोन्नति परीक्षा (चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर पद) के लिए 4 मार्च को परीक्षा का आयोजन किया गया था।जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के प्लांट डिपो रेलवे कॉलोनी स्थित पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इस परीक्षा केंद्र पर 80 परीक्षार्थियों को परीक्षा देना था. पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रेल डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में आता है।जिसको मिली जिम्मेदारी उसी ने किया घोटाला -मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में सीनियर डिवीजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ऑपरेशन के पद पर तैनात सुशांत पाराशर को परीक्षा नियंत्रक बनाया गया था और इन्हें ही प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी पीडीडीयू रेलवे द्वारा दी गई थी। लोको पायलट के विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात सुशांत पाराशर ने 4 मार्च 2025 को आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र बनाया और यहीं से शुरू हो गया विभागीय पदोन्नति में काली कमाई का खेल। जिसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई उसी ने घोटाला कर दिया और चंद पैसों के लालच में अपना जमीर बेच दिया पर इन सब मामलों में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है की उन युवाओं के भविष्य का क्या जो पाई पाई जोड़कर सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं, जिनका सपना होता है सरकारी नौकरी करके अपने परिवार की स्थिति बदलने का ?
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