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लोढ़ा बनाम लोढ़ा: ट्रेडमार्क विवाद में भाइयों की कानूनी जंग

अभिषेक लोढ़ा ने छोटे भाई अभिनंदन के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया, कोर्ट ने कहा – दो हफ्तों में सुलझाएं मामला नहीं तो…मायानगरी मुंबई में real estate की नंबर 1 कंपनी Lodha लोढ़ा इन दिनों मुंबई हाई कोर्ट के चक्कर लगा रही है… लोढ़ा परिवार के दो भाइयों के बीच इन दिनों ट्रेडमार्क को लेकर लड़ाई चल रही है..अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा के बीच इन दिनों लोढ़ा बैर्डं को लेकर विवाद चल रहा है…ट्रेडमार्क को लेकर ये लड़ाई तब शुरू हुई जब मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड (जिसे लोढ़ा ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है) के CEO अभिषेक लोढ़ा ने अपने छोटे भाई अभिनंदन लोढ़ा पर उनके द्वारा स्थापित की गई कंपनी “हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ (HOABL) के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया…क्या है लोढ़ा ट्रेडमार्क विवाद? इस विवाद की कहानी 2017 से शुरू होती है, अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा के बीच एक पारिवारिक समझौता होता है, समझौता था कि real estate business का पूरा कंट्रोल अभिषेक लोढ़ा को मिलेगा और अभिनंदन लोढ़ा को दूसरे business का कंट्रोल दिया जाएगा, Lodha estate मुंबई की एक जानी-मानी(real estate कंपनी है , इसलिए इस समझौते में ये स्पष्ट किया गया था कि अभिनंदन अपने किसी भी business में ‘लोढ़ा’ नाम का उपयोग नहीं कर सकते है, हालांकि उनके भाई अभिनंदन लोढ़ा ने उन पर आरोप लगाया है कि HOABL ने ‘लोढ़ा वेंचर्स’ और दूसरे डोमेन नामों का इस्तेमाल जारी रखा है, जो कि समझौते का उल्लंघन है । लोढ़ा ट्रेडमार्क को लेकर कोर्ट में क्या कानून कार्यवाही चल रही है. अभिनंदन लोढ़ा ने मुंबई हाई कोर्ट में HOABL को ‘लोढ़ा’ नाम के इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की है और ‘लोढ़ा’ नाम के इस्तेमाल के खिलाफ एचओएबीएल पर 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की लोढ़ा कंपनी का कहना है कि लोढ़ा ब्रांड पिछले चार दशकों में स्थापित हुआ है, और इसका इस्तेमाल कोई और करता है तो इससे ग्राहकों पर भ्रम पैदा होता है, इस पर अभिषेक लोढ़ा का कहना है की ये पूरी तरह से कॉरपोरेट मुद्दा है और इसका दो भाइयों के रिश्तों पर कोई असर नहीं होगा.. दोनों भाइयों के बीच वित्तीय(spelling) विवाद भी चल रहा है…परिवार के बीच हुए बंटवारे के तहत मैक्रोटेक का दावा है कि अभिनंदन को लगभग 1,000 करोड़ रुपये दिए गए थे, हालांकि अभिनंदन का कहना है कि उन्हें केवल 500 करोड़ रुपये ही मिले हैं…मुंबई हाईकोर्ट ने क्या फैसला लिया? मुंबई हाई कोर्ट ने अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा को मध्यस्थता करके इस ट्रेडमार्क की लड़ाई को सुलझाने की सलाह दी है, न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर ने कहा कि अगर दोनों पक्ष सहमत हों तो भारत के किसी सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश को किसी अन्य वरिष्ठ सदस्य के साथ मध्यस्थता के लिए नियुक्त किया जा सकता है, हालांकि की मध्यस्थता तय समय में होगी और इसमें दो सप्ताह से ज्यादा नहीं दिया जाएगा | मैक्रोटेक डेवलपर्स के वकील डेरियस खंबाटा ने कोर्ट से कहा कि वो मध्यस्थता करने को तैयार है…डेरियस खंबाटा ने कहा कि जब तक मध्यस्थता चल रही है तब तक हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (एचओएबीएल) लोढ़ा बैर्डं का ट्रेडमार्क इस्तेमाल नहीं करना चाहिए |

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By- Sajal Raghuwanshi,

Reporting for True to Life

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