सरकारी नौकरी कौन नही करना चाहता, सभी का सपना होता है की उसकी भी सरकारी नौकरी लगे क्योंकि आज के वक्त में लोगो को लगता है की सरकारी नौकरी मतलब जिंदगी पूरी तरह से सेट हो गई, काम भी नही करना होगा और तनख्वाह पूरी मिलेगी साथ में पेंशन भी होगा, बहुत कुछ सुविधाएं होंगी, इसलिए पूरे परिवार का सपना होता है की परिवार में किसी ना किसी की सरकारी नौकरी लग जाए और ये सपना पूरा करने के लिए मां बाप लाखों रुपए सरकारी नौकरी के तैयारी पर खर्च कर देते हैं पर सफलता कुछ के ही हाथों आती है, बाकियों की उम्र तो तैयारियों में ही कट जाती है । आज मैं अपने इस लेख में सरकारी नौकरी का ज़िक्र इसलिए कर रहा हूं क्यूंकि बहुत सालों से सरकार और सरकारी नौकरों में द्वंद चल रहा है, इसमें सरकारी शिक्षकों का किरदार ज्यादा है, पिछले कई सालों से पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर सरकारी शिक्षकों और सरकार के बीच बहस चल रहा है, एक तरफ जहां सरकारी शिक्षकों की मांग है की पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू हो वही सरकार है की अपने फैसले से टस से मस नहीं हो रही, पूरे मामले को समझने के लिए हमे ये समझना होगा कि आख़िर पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना है क्या जिसको लेकर इतनी तू तू मैं मैं है ।
जहां नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत यानी बेसिक और डीए की कटोती होती है, तो वहीं ओल्ड पेंशन योजना में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती ।
एनपीएस में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा नहीं जोड़ी गई है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा है।
नई पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता, जबकि पुरानी पेंशन योजना में ये लागू होता है।
जहां एक तरफ एनपीएस में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा। वहीं, दूसरी तरफ पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट पर जीपीएफ के ब्याज पर किसी तरह का कोई इनकम टैक्स नहीं लगता । मतलब कुल मिलाकर नई पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ खास नहीं है ।
अगर सरकार नहीं मानी तो हमारा आंदोलन बड़ा रुप लेगा –
True to life से बात करते हुए यूपी शिक्षा परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद मिश्र कहते हैं की “पिछले कई सालों से हमारी लड़ाई सरकार से चल रही है और आगे भी तब तक चलते रहेगी जब तक सरकार हमारी मांग नही मान लेती, हमारी सबसे पहली मांग है की पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाय अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो हमारा आंदोलन रौद्र रुप लेगा”।
पिछले कई हफ्तों से हैं धरने पर –
पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने के विरोध में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के सरकारी शिक्षक हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जिसके वजह से सरकारी स्कूलों की हालात खस्ता हो गई है । इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये है की सरकारी शिक्षकों और सरकार की इस लड़ाई में बच्चों का भविष्य कहां जा रहा है ? शायद ये कहना गलत नही होगा की बच्चों का भविष्य अधर में जाने को पूरी तरह से तैयार है ।
By Abhay
Reporting for
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