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सीएम के काफिले में शामिल कार टकराई, ASI की मौत, 4 पुलिसकर्मी सहित 6 घायल

शायद इसलिए अभी के युग को कलयुग कहा जाता है, एक ऐसा युग जहां इंसानियत से ज्यादा पैसा और लोगों की लालच सबसे बड़ी है, यहां चंद पैसों के लालच में कोई किसी के जान लेने से भी चूकता नहीं है कुछ ऐसा ही मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से जहां महज़ 15 हज़ार रुपयों के लालच में एक शख़्स ने किसी की जान ले ली, प्रयागराज के जागृति हास्पिटल में नकली प्लेटलेट चढ़ाने के बाद डेंगू मरीज वैभव गुप्ता की मौत हो गई थी। मीडिया में जब यह मामला उछला तो प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आया। इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि शहर में नकली प्लेटलेट का कारोबार चल रहा है। इससे मरीज की जान खतरे में आ जा रही है।पूजा गुप्ता जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर की रहने वाली हैं। इनके पति पूर्व सभासद (न0पा0प0 मुंगराबादशाहपुर) वैभव कुमार गुप्ता खाद की दुकान चलाते थे। पिछले महीने इन्हें डेंगू हो गया। जांच कराने पर पता चला कि प्लेटलेट 16 हजार हो गया। इसके बाद उन्हें शहर के जागृति हास्पिटल में लाया गया और भर्ती करा दिया गया। जहां डॉ अंकुर केसरवानी ने उनका इलाज शुरू किया। उन्होंने कहा कि मरीज के लिए 6 यूनिट प्लेटलेट की तत्काल आवश्यकता है।पत्नी पूजा ने अपने एक रिश्तेदार से संपर्क किया उसके जरिए पंकज यादव से मिलीं। पंकज ने कहा, 15 हजार रुपये में 6 यूनिट प्लेटलेट वह काल्विन ब्लड बैंक से लाकर दे देगा। बिना किसी देरी के वह 6 यूनिट प्लेटलेट लाकर पत्नी को थमा दिया। पूजा ने उसे 500 रुपये बढ़ाकर यानी 15,500 रुपये दिया क्योंकि तत्काल उसने प्लेटलेट उपलब्ध करा दिया। पंकज यादव स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में काम करता है लेकिन अब वह नंबर बंद कर गायब हो गया है।प्लेटलेट चढ़ाते ही बिगड़ने लगी हालतपत्नी पूजा गुप्ता ने बताया कि जागृति हास्पिटल में ही प्लेटलेट चढ़ाया गया और इसके बाद ही पति की हालत गंभीर होने लगी। डॉ. केसरवानी ने बताया कि हालत गंभीर है, यदि कहीं और ले जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। इस पर परिवार के लोग 7 नवंबर को ही लखनऊ के मेदांता चले गए। दूसरे दिन ही वैभव की मौत हो गई।ब्लड बैंक में उस सीरियल नंबर पर किसी और का नामपत्नी पूजा गुप्ता काल्विन ब्लड बैंक पहुंचीं। यह जानने के लिए आखिरकर जो प्लेटलेट उनके पति को चढ़ाया गया वह यहीं से गया था या नहीं? वहां रजिस्टर चेक किया गया तो जिस सीरियल नंबर वाला (3698) प्लेटलेट उन्हें मिला था उस पर किसी दूसरे मरीज का नाम दर्ज था। यानी यह साफ हो गया कि यह प्लेटलेट इस ब्लड बैंक से गया ही नहीं है। फिर पत्नी ने शाहगंज थाने में इसकी शिकायत की। जिस पंकज यादव से प्लेटलेट लिया था परिवार वालों ने उसे भी पकड़ लिया और शाहगंज थाने भी ले गए लेकिन पुलिस वालों ने कार्रवाई के बजाय उसे छोड़ दिया।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया ट्वीटइस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। उन्होंने निंदा करते हुए नकली प्लेटलेट्स, रक्त और दवाइयों को बेचने वालों को तत्काल पकड़ने की बात कही थी। कहा था कि पूरे प्रदेश में प्रयागराज की रैंकिंग सबसे निचले स्थान पर आई है। यह भी कहा था कि महाकुंभ के नाम पर प्रयागराज को अरबों का बजट दिया गया। विकास तो हुआ नहीं पर विनाश जरूर हो गया।बोले अधिकारीकिसी बिचौलिए के माध्यम से प्लेटलेट्स लेना सही नहीं है। जबकि अस्पतालों में प्लेटलेट्स आसानी से उपलब्ध है। इस मामले में अगले दो दिनों के अंदर टीम गठित कर जांच कराई जाएगी। – डॉ. आशु पांडेय, सीएमओ

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