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सरकारी नौकरी के नाम पर 12 लोगों से लाखों की ठगी

आज के आधुनिक दुनिया में अगर इंसान जरा सी लापरवाही करें तो बड़ी हीं आसानी से ठगी का शिकार हो जाए आज के इंटरनेट और ai के ज़माने में किसी के साथ फ्रॉड करना एक फैशन बनता जा रहा है, फिर चाहे वो एटीएम से पैसा निकालना हो या फिर ऑनलाइन बैंकिंग सभी तरीके से ठग तैयार बैठे रहते हैँ, आपके मेहनत के पैसे को उडाने के लिए। अभी के वक़्त में सबसे ज्यादा फ्रॉड टेलीग्राम पर टास्क के नाम पर किये जा रहें हैँ। टेलीग्राम पर ठग लोगों से बहुत हीं आसान टास्क करवाते हैँ और शुरू में पांच सौ से हज़ार रुपए देकर लोगों का विश्वास जीत लेते हैँ और फिर लोगों के लालच का फायदा उठाकर बहुत हीं आसानी से लाखों का चूना लगा देते हैँ। लालच का कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में जहाँ बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी किया गया, शिकायत मिलने पर पुलिस ने धोखाधडी का प्रकरण दर्ज किया, राजगढ़ एसपी ने ठगी के शिकार हुए बेरोजगार युवकों से आगे आने की अपील की है, मामले के अनुसार जालसाज ने राजगढ़ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन की फर्जी हस्ताक्षर और सील लगाकर कर 12 युवकों से लाखों रुपये लेकर फर्जी नियुक्त पत्र जारी कर दिए। ढाई माह पहले जारी किए नियुक्ति पत्र -मामले के अनुसार राजगढ़ जिला अस्पताल में 31 मार्च 2025 तक अपनी सेवाएं देने वाली भोपाल की सिगमा इन्फोटेक कंपनी के लेटरहेड पर एक व्यक्ति ने 12 बेरोजगार लोगों से मोटी रकम लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए, इसकी जानकारी जब सिग्मा कंपनी के कर्मचारी को लगी तो शिकायत सिविल सर्जन से की गई, इसके बाद शिकायत कोतवाली पुलिस और एसपी से की गई।इस मामले में सिविल सर्जन डॉ.नितिन पटेल का कहना है “सिगमा इन्फोटेक कंपनी के कर्मचारी द्वारा उन्हें व्हाट्सअप पर सीएस कार्यालय से निकले नियुक्ति आदेश के संबंध में अवगत कराया, दरअसल किसी जालसाज ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नियुक्ति आदेश जारी किए,” शिकायत मिलने पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की, कलाखेत निवासी भूपेंद्र संजोदिया पर आरोप है कि उसने सिगमा इन्फोटेक कंपनी के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर 12 लोगों से लेनदेन किया।आउटसोर्स पर सरकारी विभागों में कर्मचारी रखती हैं निजी एजेंसी -गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर कर्मचारियों को रखा जाता ह, ये काम निजी एजेंसी के जरिए किया जाता है,बताया जाता है कि ये एजेंसी नौकरी देने से पहले ही बेरोजगार युवकों से 3 से 6 माह की सैलरी पहले ही ले लेती है, ठगी के शिकार युवकों का कहना है राजगढ़ के ही एक दलाल ने ऑफर लेटर में 18 हजार रुपए महीना सैलरी मिलने का हवाला देकर 60-60 हजार रुपये वसूल किए हैं, इसका बाकायदा ऑफर लेटर दिया जाता है।राजगढ़ एसपी ने की बेरोजगार युवकों से अपील -इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी वीर सिंह ठाकुर ने बताया “निजी एजेंसी और सिविल सर्जन की ओर से शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है, इसकी जांच की जा रही है, एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है, उससे पूछताछ जारी है.” इस मामले में राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा ने युवाओं से अपील करते हुए कहा “यदि इस तरह की धोखाधड़ी अन्य किसी के साथ भी हुई है तो वे कोतवाली थाने में आकर शिकायत दर्ज कराएं।”तीन महीने तक किया काम सैलरी ना पर हुआ खुलासा – जिन लोगों से पैसे ऐठे गए वो सभी तीन महीनों तक नौकरी भी किए, जब तीन महीनों तक वेतन नहीं मिला तब बेरोजगारों को शक हुआ और तब खुलासा हुआ की नियुक्ति पत्र ही फर्ज़ी था।

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