भगवत गीता में लिखा हुआ है की क्या लेके आए थे और क्या लेके जाओगे पर आज के इस कलयुगी दुनिया में गीता का ये सार धूमिल होता जा रहा है, आज के वक्त में सब को अपना अच्छा देखना है, अपनी तरक्की देखनी है, किस्मत ने जिसको जितना दिया है उसमें यहां कोई खुश नही है, सबको ज्यादा से ज्यादा चाहिए, और हर की चाहत है, पैसा, जमीन – जायदाद और पॉवर सबको ये सारी चीजें ज्यादा से ज्यादा चाहिए, किस्मत ने जितना दिया उसमे खुशी नहीं है ज्यादा की लालच है और इसी लालच में लोग गलत काम कर जाते हैं, ऐसा ही कुछ गलत काम हुआ बिहार के बेगूसराय में जहां एक पक्ष ने अपने हिस्से की जमीन तो बेची ही ज्यादा लालच की वजह से साथ वाले के हिस्से की भी जमीन बेच दी और इस पूरे मामले में गांव के प्रधान भी लिप्त हैं। ये पूरा मामला है बिहार के बेगूसराय के बखरी का जहां निशिहरा गांव में चौंका देने वाला जमीन विवाद का मामला देखने को मिला पूरे मामले में एक भाई की बीवी अपने हिस्से के जमीन के साथ ही बाकी दो भाइयों के हिस्से भी आई जमीन चोरी छुपे बेच देती है और किसी को कानों कान ख़बर नहीं होती ।
78 साल के बुजुर्ग विजय सिंह की पुकार –
ये पूरा मामला 78 साल के बुजुर्ग विजय सिंह और उनके छोटे भाई मदन सिंह जो अब इस दुनिया में नहीं है उनके साथ हुई, जहां इन दोनों के बड़े भाई स्व उमेश सिंह की पत्नी लता देवी ने धोखे से अपने हिस्से के साथ साथ अन्य दोनों भाईयों के हिस्से की जमीन को भी बेच दिया।
हर के हिस्से थी 20.5 – 20.5 कट्टे की जमीन –
अपने शिकायत में विजय सिंह बताते हैं की “हम तीनों भाईयों को विरासत में कुल मिलाकर साढ़े 61 कट्ठा जमीन मिली थी इस हिसाब से हर भाई के हिस्से में साढ़े 20 कट्ठा जमीन आई थी । निधन से पहले मेरे भाई उमेश सिंह ने 1985 में ही अपने हिस्से के 8 कट्ठा भूमि बेच चुके थे, चूंकि बड़े भाई की आर्थिक स्थिति कभी सही नही रही तो उनके इलाज, अंतिम संस्कार का पूरा खर्चा मैंने किया, बड़े भाई के निधन के बाद उनकी पत्नी लता देवी अपने बच्चों के साथ 1986 में ही गांव छोड़ के दिल्ली बस गईं । 2014 में लता देवी अपने बेटे अजीत सिंह के साथ मुझे और मेरे छोटे भाई को बिना सूचित किए विरासत में मिले 14 कट्ठा भूमि को बेच दिए, कुल मिलाकर इन्होंने 22 कट्ठा भूमि बेचें, जो हिस्से के 20.5 से ज्यादा थे पर हम दोनों भाईयों ने उस वक्त कुछ ना कहा”।
38 साल बाद गांव आकर किया बड़ा घोटाला –
विजय सिंह बताते हैं की “मेरे बड़े भाई की पत्नी लता देवी 38 साल बाद अगस्त 2024 में गुप्त रुप से गांव में आकर धोखे से मेरे और मेरे छोटे भाई के हिस्से के 12 कट्ठा जमीन और बेच देती है ।
पूरे मामले में गांव के प्रधान भी हैं लिप्त –
विजय सिंह के अनुसार इस पूरे मामले में गांव के प्रधान देवानंद राय और उनकी पत्नी नमिता देवी भी लिप्त है क्योंकि लता देवी ने 12 कट्ठा भूमि में 6 कट्ठा जमीन नमिता देवी को बेचा है, इस पूरे साजिश में तीनों लिप्त है, लता देवी के गुप्त तरीके से रहने में गांव के प्रधान ने ही मदद की है।
एक चूक की वजह से हुआ पूरा मामला –
विजय सिंह के अनुसार “हमारी एक चूक के वजह से लता देवी को जमीन बेचने में आसानी हो गई, अभी तक रिकार्ड में संपत्ति पर हमारे दादा – दादी का नाम है, इसलिए लता देवी को ये शाजिश करने में सुविधा हुई” ।
मामले की छानबीन जारी है –
True to life से बात करते हुए बखरी पुलिस ने बताया की “अभी उतनी जानकारी नहीं है बाकी मामले की छानबीन जारी है” । इस पूरे मामले में एक ही सवाल खड़ा होता है की आखिर एक दिन सब को दो गज जमीन ही नसीब होनी है तो फिर जीते जी इतनी लालच क्यों की दूसरे का हक भी मार लिया जाए ?
बनारस से अभय के द्वारा
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