हर देश में जनता सरकार को चुनती है, टैक्स भरती है ताकि सरकार उनकी हर जरूरतों को पूरा करे, एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति की जरूरत होती है रोटी, कपड़ा और मकान पर सरकार को चुनने और अपने मेहनत की कमाई का एक चौथा हिस्सा सरकार को देने के बाद भी अगर सरकार जनता की सामान्य जरूरतों को पूरा ना कर पाए तो जनता को अपने हक की आवाज उठाने का पूरा हक है । एक तरफ जहां मौजूदा सरकार पिछले 10 सालों से सबसे प्राचीन नगरी काशी को क्योटो बनाने का सपना जनता को दिखा रही है, जहां मौजूदा सरकार काशी को स्मार्ट सिटी घोषित कर दी है तो वही दूसरी तरफ़ जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयान करती है, इस बारिश के मौसम में हल्की सी भी बारिश स्मार्ट सिटी के दावों की कलई खोल देती है थोड़ी सी बारिश हुई नही की काशी की सड़कें तालाब बन जाती है, जिससे आम जन को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है, मुख्य चौराहे के खुले मेन होल हादसों को आमंत्रित करते हुए नजर आते है हालांकि इन सभी बातों पर वाराणसी नगर निगम के अधिकारियो का कहना होता है की नगर निगम काम कर रही है, शहर में कोई दिक्कत नही है, अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है की अगर नगर निगम जमीनी स्तर पर काम कर रही है तो सड़कों की हालत खराब क्यों है ? क्या नगर निगम सिर्फ कागजों पर काम कर रही है ? शायद ये सुनकर किसी को विश्वास ना हो पर वाराणसी का एक ऐसा भी क्षेत्र है, जहां सड़क ही नही है, हां सही सुना आपने स्मार्ट सिटी कहलाने वाली काशी के एक क्षेत्र से सड़क ही गायब है, ये मामला है काशी के सारनाथ इलाके के नान्हूपुर का जहां सड़क के नाम पर मजाक है बस और कुछ नहीं, हल्की सी बारिश में वो इलाका जलमग्न हो जाता है ।
पिछले 20 सालों से सड़क है गायब –
उस क्षेत्र के स्थानीय निवासियों का कहना है की पिछले 20 सालों से यहां सड़क है ही नही । True to life से बात करते हुए स्थानीय निवासी अशोक कुमार बताते हैं की “पिछले 20 सालों से यहां सड़क नही है और इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री तक को की है पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है, मैने शहर के मेयर को भी शिकायत की पर सब का कहना होता है की सड़क बन जाएगी पर 20 साल हो गए आज तक सड़क नहीं बनी”।
मंत्री जी जनता पर ही भड़क जाते हैं –
क्षेत्र के निवासियों का कहना है की “मंत्री जी आकर यहां का मुआयना करते हैं और जनता अगर सवाल कर ले तो मंत्री जी उलटा जनता पर ही भड़क पड़ते है और उनके सुरक्षाकर्मी जनता को धक्का देने लगते हैं”।
पार्षदों का कहना ऊपर से बजट नहीं –
जब true to life इलाके के पार्षद अभय राय से बात करती है तो पार्षद शाहब का कहना होता है की “ऊपर से बजट ही नहीं आ रहा है की मैं सड़क बनवा पाऊं ” । इस पूरे मामले को देखकर, सुनकर नायक फिल्म की याद आती है, जहां हर अधिकारी एक दूसरे पर गलतियां थोपते हुए नजर आते हैं पर इन सब के बिच सबसे बड़ा सवाल ये है की एक सड़क बनाने के लिए सरकार के पास बजट नहीं हो पा रहा है तो आखिर जनता द्वारा दिया हुआ टैक्स कहां खर्च हो जा रहा है ?
बनारस से अभय के द्वारा
Reporting for
TRUE TO LIFE News Media Pvt Ltd